विश्व दिव्यांग दिवस : इंटरनेट के जरिए जग जीतने को बेताब हैं दृष्टिबाधित

हम बात कर रहे हैं मानसी सिंह, मुस्कान, प्राची, उदयभान, सतीश, रंजीत कुमार जैसे करीब एक दर्जन उन बच्चों की जो दृष्टिबाधित होने के बावजूद इंटरनेट के जरिए पूरा जग जीतने को बेताब हैं। बिना आंखों के ही इनकी अंगुलियां कंप्यूटर पर फर्राटे से चलती हैं। सामान्य ज्ञान से लेकर अंग्रेजी व गणित जैसे विषयों में ये अव्वल हैं। इन बच्चों की बात करना इसलिए आवश्यक है क्योंकि आज मंगलवार को दिव्यांग दिवस मनाया जा रहा है। ये बच्चे एल्गिन रोग स्थित राज अंध विद्यालय के हैं। जहां इन्हें ब्रेल लिपि के जरिए शिक्षा दी जा रही है।


एक्सपर्ट टीचर बच्चों को कंप्यूटर की जानकारी ब्रेन लिपि के माध्यम से रहे


खास बात यह कि इन दृष्टिबाधित बच्चों को इंटरनेट की दुनिया से भी जोड़ा जा रहा है। इसके लिए अलग से कंप्यूटर कक्ष तैयार किया गया है। इसमें टीचर बच्चों को कंप्यूटर की जानकारी दे रहे हैं। इसके अलावा विद्यालय की कोर्स समन्वयक प्रेमलता सिंह, सहायक अध्यापक अमित कुमार, रोजी शाहिद, निशा साहू, मनीष मिश्रा आदि इन बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोडऩे का काम कर रहे हैं।


बच्चों के गुरु हैं 'राजू सर' भी दृष्टिबाधित हैं


दृष्टिबाधित बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा 'राजू सर' दे रहे हैं। वह स्वयं दृष्टिबाधित हैं। क्लास रूम में ये शिक्षक की भूमिका में होते हैं तो बाहर बच्चों के साथ खेलते हुए भी देखे जाते हैं। इनका हर संभव प्रयास होता कि बारीकी के साथ शिक्षण कार्य करें और बच्चे इनकी बात को अच्छे से समझें।